लेखनी कविता - अलि! मैं कण-कण को जान चली -महादेवी वर्मा

50 Part

49 times read

0 Liked

अलि! मैं कण-कण को जान चली -महादेवी वर्मा  अलि, मैं कण-कण को जान चली, सबका क्रन्दन पहचान चली।  जो दृग में हीरक-जल भरते, जो चितवन इन्द्रधनुष करते, टूटे सपनों के मनको ...

Chapter

×